कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥ आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥ सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥ अर्थ- हे गिरिजा पति हे, दीन हीन पर दया बरसाने वाले https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa